भविष्य में भारत की सवास्थ व्यस्था और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में भी जानेगे |
इस आधुनिक दौर में हर इंसान अपने सरवाइवल अपने वजूद अपने परिवार का पेट भरने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा ह| पर जैसे-जैसे हम आधुनिक हो रहे हैं हम लगातार बीमारियों के चपेट में घिरते जा रहे हैं| लोगों की उम्र घट रही है इन सब का कारण है हमारा जीवन शैली हमारा खान-पान और पर्यावरण में हमारे ही द्वारा फैलाया गया प्रदूषण |
पर हमें आधुनिक मशीनीकरण के दौर में यह याद रखना चाहिए सबसे पहले इंसानों का फिट होना जरूरी है| जान है तभी यह जहान है
लेकिन दुर्भाग्यवश तमाम बीमारियों के चपेट में हमारे देश में लाखों लोग इलाज ना मिलने की वजह से मौत के घाट उतार जाते हैं उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह अपना इलाज करा सके या किसी भी प्रकार का हेल्थ कवर ले सके|
इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने योजना बनाई और देश के इन्हीं गरीब वंचित वर्ग के लिए सरकारी आयुष्मान भारत योजना मील का पत्थर साबित हो रही है |जिसने करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचाया हाल ही में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें यह बात सामने आई किसी भी परिवार में स्वास्थ्य संबंधी खर्च बहुत ज्यादा होता जिसको भुगतान करना काफी मुश्किल होता है |इसलिए सरकार अब मध्यमवर्ग के लिए हेल्थ कवर तैयार कर रही है यह व्यवस्था इन लोगों के लिए होगे जो अब तक किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे में नहीं आते है |
नए भारत के लिए कैसा स्वास्थ्य प्रणाली हो|
इस विषय पर नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है|जहां बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन अध्यक्ष के मौजूदगी में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इस रिपोर्ट को जारी किया | रिपोर्ट में देश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार लाने और उससे जुड़ी चुनौतियों से निपटने और ज्यादा अस्पताल और बिस्तरो की जरूरतों पर चर्चा की गई|
इस रिपोर्ट का मकसद मध्यम वर्ग के लिए एक नई स्वास्थ्य व्यवस्था तैयार करना भी है
स्वस्थ भारत के बढ़ते हुए दिशा में केंद्र सरकार हर किसी तक बेहतर चिकित्सा सुविधा पहुंचाना चाहती है इस कड़ी में केंद्र सरकार अब मध्यम वर्ग के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था तैयार करने का विचार कर रही है नीति आयोग ने 18 नवंबर को इसकी रूपरेखा जारी करते हुए यह बात कही|
भविष्य की स्वास्थ्य प्रणाली
पांच मुख्य क्षेत्रों की पहचान कि गयी जिसमे स्वास्थ के छेत्रोमें सुधार हो सके
- जन स्वास्थ्य का अपूर्ण एजेंडा पूरा करना
- बड़ी बीमा कंपनियों में निवेश करके व्यक्तिगत स्वास्थ्य खर्च को घटाना
- सेवा वितरण को आपस में जोड़ना
- स्वास्थ्य सेवा का बेहतर खरीदार बनाने के लिए नागरिकों का सशक्तिकरण
- डिजिटल स्वास्थ्य की शक्ति का लाभ पाना
बिल एंड मिलिंडा गेट्स के सह अध्यक्ष बिल गेट्स ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत में किए जा रहे हैं सुधार आने वाले समय में अन्य देशों के लिए उदाहरण बन सकते हैं|
मध्यम वर्ग के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था तैयार करने पर विचार किया जा रहा है |वह व्यवस्था उन लोगों के लिए होगी जो अब तक किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे में नहीं आते इस नई स्वस्थ प्रणाली में उनको शामिल नहीं किया जाएगा जो आयुष्मान भारत योजना के दायरे में है |
नीति आयोग रिपोर्ट का मकसद मध्यम से दीर्घ अवधि के लिए मध्यमवर्ग से जुड़े लोगों के लिए स्वास्थ्य प्रणाली का खाका तैयार किया गया है `| इसमें मध्यमवर्ग पर गौर किया गया है क्योंकि गरीबों के लिए पहले ही आयुष्मान भारत योजना शुरू की जा चुकी है
भविष्य में स्वास्थ्य प्रणाली की चुनौती
- इनमें जरूरत के समय वित्तीय बाधाओं को कम करना
- स्वास्थ्य सेवाओं तक लाभार्थियों की पहुंच बनाना
- बीमारी से जुड़े वित्तीय झटको से रोगियों की रक्षा करना
- खासकर घरेलू वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना
- इलाज के खर्चे के चलते दोबारा गरीबी में जाने के घरेलू जोखिम को कम करना
- प्रमुख घरेलू उपभोग वाले क्षेत्रों की रक्षा करने पर जोर दिया गया हैं
- स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं कि अधिक स्थिर स्थिति और अनुमानित राशि की सुविधा में कुशल क्षमता वृद्धि
- स्वास्थ्य सेवा के विकास और एकीकरण के लिए जरूरी बताया गया है
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.नीति आयोग ने कहा है कि दुनिया भर में स्वास्थ्य प्रणाली को मिलने वाला पोषण यह दर्शाता है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा के प्रदर्शन जोखिम उठाने की क्षमता का महत्वपूर्ण योगदान है|
रिपोर्ट में इस बात की भी चर्चा की गई है| कि भारत में स्वास्थ्य प्रणाली के खंडित अलग अलग होने के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में जोखिम उठाने की क्षमता काफी निम्न स्तर पर है और इसके कई कारण है
- सार्वजनिक और निजी अंशदाई के साथ ही गैर अंशदाई योजनाओं का होना
- लाभ का अलग-अलग पैकेज का होना
- अलग और ठोस नियामक प्रणाली का नहीं होना
- लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में अलग-अलग योजना में अंतर होना शामिल है
- भारत में चिकित्सा पर होने वाला कुल खर्च का 64 फ़ीसदी आउट ऑफ पैकेट फंडिंग होता है और इससे परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है
- भारत में स्वास्थ्य पर खर्च केंद्र और राज्य सरकारों को मिला कल कुल जीडीपी का करीब 1.13 परसेंट होता है
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
भारत में गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत 2018 में हुई| भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के अंतर्गत इसका मकसद देश के गरीब और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य बीमा का फायदा देना है |इसके तहत केंद्र सरकार ने नई स्वास्थ्य नीति के तहत 2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य पर ज़ी टीवी का 2.5 फ़ीसदी खर्च करने का लक्ष्य रखा है आयुष्मान भारत का असर अब देश में दिखने लगा है|
आयुष्मान भारत का बढ़ता दायरा
करीब 4700000 लोग का अस्पताल में इलाज हुआ जिस पर 7500 करोर रुपए खर्च हुए |योजना के तहत हर मिनट 9 लोगों इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए |यानी आयुष्मान भारत योजना के तहत हर 1 मिनट में 9 लोग का इलाज होता है|
वर्तमान में यह योजना 32 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में लागू है |योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थि 10.3 करोड़ ई कार्ड जारी किए जा चुके हैं |आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरे देश में 18000 से ज्यादा अस्पताल जुड़े हैं| इस योजना के तहत .21 हजार से भी अधिक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर शुरू हो गए हैं |पूरे देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर दिसंम्बर 2022 तक चालु हो जायेंगी |
आयुष्मान भारत की शुरुआत 40 फ़ीसदी गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग स्वास्थ्य लाभ देने के लिए की गई इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ 74 लाख परिवारों के लगभग 50 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल है|
इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों को 8300000 परिवार शामिल है |
और सहरी इलाके के 23300000 लाख परिवार शामिल है
आयुष्मान भारत की गाइडलाइंस के मुताबिक ने पूरी तरह से कैशलेस और पेपर लेस है| इसके तहत प्राइवेट और सरकारी दोनों ही अस्पतालों में इलाज कराया जा सकता है |योजना के मुताबिक परिवार कितना भी बड़ा हो योजना सभी को मिलेगा इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है|
योजना के तहत गरीब और ग्रामीण परिवारों को सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना 2011 के हिसाब से चुना गया है|
इसके तहत ग्रामीण इलाकों की आबादी में दीवानी D1 ,D2, 3D ,4D, D5 ,D7 कैटेगरी के लोगों को शामिल किया गया है इसी तरह शहरी इलाकों में 11 पूर्व निर्धारित पेसे के लोग इस योजना में शामिल है
इसके तहत बच्चियों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी इसमें पहले से मौजूद बीमारियों को भी कवर दिया गया हैं|
इस योजना के तहत कोई भी अस्पताल इलाज करने से मना नहीं कर सकता इसके बाद अस्पताल मरीज से किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकता|
इस योजना के तहत आने वाले सभी व्यक्ति भारत के किसी भी जगह पर इसका लाभ ले सकते हैं इसके अलावा एक हेल्पलाइन नंबर 1455 5 भी जारी किया गया है |
इस पर कॉल करके पता लगाया जा सकता है कि आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत वो व्यक्ति पात्र है या नहीं |
योजना के तहत अब हर तरह के मरीजों का इलाज हो पाएगा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत चल रहे उपचार पैकेज के कीमतों में 10 से 60 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई है |
आयुष्मान भारत योजना के तहत अभी तक कुछ ही प्रकार के कैंसर का उपचार संभव था |लेकिन पिछले 1 वर्ष से चल रहे मंथन के बाद सरकार ने स्थन. गर्भाशय प्रोस्टेट, हाथ ,पेट के कैंसर को भी इस पैकेज में शामिल कर लिया है|
योजना का लाभ उठाने में तमिलनाडु, गुजरात और आंध्र प्रदेश आगे है| देश में खर्च हुई राशि का 50% इस्तेमाल इन्हीं तीनों राज्यों में होता है|
सरकार लोगों को योजना के प्रति जागरूक करने पर भी जोर दे रही है |ताकि वह बीमारी में अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में लाभ उठा सके| राष्ट्रीय अभियान के तहत आयुष्मान भारत साथ ही पोषण अभियान और स्वच्छता अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश भी की जा रही है|
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