हैपेटाइटिस क्या होता है और इसका इलाज क्या है |What is hepatitis and what is its treatment
हैपेटाइटिस क्या होता है
हेपेटाइटिस वायरस से होने वाले संक्रमण है इसके अलावा है यह और कई कारणों से भी होता है हम में से बहुत से लोग इसके बारे में इतना कम जानते हैं की अमूमन अगर किसी को इसका एक लक्षण अगर आता है तो बहुत से लोग झाड़-फूंक करने की कोशिश करते हैं बहुत से लोगों को मानना है | की यह तो अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है |
इसकी इलाज की जरूरत नहीं है बहुत से लोग जो शराब का सेवन करते हैं और सोचते हैं के जिगर पर उसका कोई असर नहीं पड़ेगा वह इस गलतफहमी में तब तक जीते हैं | जब तक कि बीमार नहीं हो जाते लेकिन हैपेटाइटिस से बचा जा सकता है इसका इलाज संभव है |
हेपेटाइटिस ए वायरस से होने वाली बीमारी है जो दूषित खाना खाने से होता है | बिना हाथ धोए खाना खाने से हैपेटाइटिस ए होने की संभावना बढ़ जाती है यह ज्यादातर यंग एज में पाया जाता है
हेपेटाइटिस ए एक विषाणु जनित रोग है यकृत की सूजन होती है इसमें रोगी काफी चिरचिरापन यह बीमारी दूषित भोजन दूषित जल किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है |
इसके लक्षण प्रकट होने से पहले और बीमारी के प्रथम सप्ताह में अंडाणु तैयार होने के 15 से 45 दिन के बीच होगी व्यक्ति के मन से यकृत शोथ विषाणु फैलता है |रक्त एवं शरीर के अन्य द्रव भी संक्रामक हो सकते हैं
हैपेटाइटिस वायरल इंफेक्शन है यह बीमारी लिवर को प्रभावित करती है लिवर का काम शरीर के सभी अंगों को पोषक तत्व पहुंचाना यह संक्रामक बीमारी है जो लापरवाही करने पर एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है |
इससे हमारी ही बॉडी का एमियून सिस्टम हमारे ही लीवर की कोशिकाओं पर अटैक कर देता है जिस कारण हैपेटाइटिस होता है |
वायरल हेपिटाइटिस के मुख्य पांच प्रकार है हेपिटाइटिस ए बी सी डी और ई
हैपेटाइटिस को फैलने के लिए मुख्य तक पांच प्रकार के वायरस A,B,C,D और E को जिम्मेवार माना जाता है हैपेटाइटिस बी और सी के मरीज में लिवर कैंसर की आशंका बढ़ जाता है | हेपेटाइटिस ए और ई का संक्रमण दूषित पानी और खाने से फैलता है |
हैपेटाइटिस बी का वायरस इंजेक्शन संक्रमित के खून चढ़ाने या और असुरक्षित यौन संबंध करने के कारण फैलता है | हैपेटाइटिस बी और सी और डी संक्रमित व्यक्ति के ब्लड या अन्य तरह के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है | यह संक्रमित रक्त सुईया ऐसे ही अन्य मेडिकल उपकरणों के प्रयोग से भी होता है बैटरी का वायरस संक्रमित स्त्री के गर्भाशय शिशु में भी फैल सकता है |
हैपेटाइटिस के प्रकार
हैपेटाइटिस शब्द का प्रयोग यकृत की सूजन को दर्शाता है यह रोग वायरल संक्रमण या अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने से होता है इसके लक्षण बहुत कम ही ना के बराबर दिखाई देते हैं लेकिन इनमें कुछ बीमारी या लक्षण जैसे पीलिया अत्यधिक थकान और अस्वस्थता का खतरा बढ़ जाता है |
हैपेटाइटिस को दो भागों में बांट सकते हैं
- एकएक्यूट प्रारंभिक हैपेटाइटिस
- क्रॉनिक दीर्घकालिक हैपेटाइटिस
एकक्यूट हैपेटाइटिस की असर आमतौर पर कम से कम पांच छे महीने तक रहती है
क्रॉनिक हेपिटाइटिस यह लंबे समय तक रहती है
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हैपेटाइटिस A
यह रोग हेपिटाइटिस A वायरस के कारण होता है यह उन जगहों पर पाया जाता है जहां स्वक्षता और मल का निष्कासन का उचित व्यवस्था नहीं होता | अक्सर यह रोग मुख्य रूप से मल प्रदूषण के कारण होता है | इसके लक्षण 3 महीने के भीतर में ही समाप्त हो जाते हैं | हैपेटाइटिस का कोई विशेष उपाय नहीं है जो कि ठीक किया जा सके इसके एक ही उपाय हैं दवाइयों से ही हो ठीक हो सकता है इसकी लक्षण को दूर करने के लिए दर्द निवारक दवाइयां दी जाती है |
हेपेटाइटिस बी
यह रोग हेपिटाइटिस बी वायरस के कारण होता है | यह शरीर से निकलने वाले रक्त वीर्य योनि के तरल पदार्थ मल के कारण होता है | इसलिए आमतौर पर यह सुरक्षित सेक्स और पहले से इस्तेमाल की गई शुरु को दोबारा इस्तेमाल करने से फैलता है
यह रोग ज्यादातर नशीली पदार्थ और ड्रग्स का सेवन करने बालों में पाया जाता है इससे संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में कम से कम 2 या 3 महीने लगते हैं \
हैपेटाइटिस बी दुनिया का सबसे ज्यादा सामान्य लीवर का संक्रमण है | हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होता है जो लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं या ब्लड से असुरक्षित यौन संबंध बनाने दूसरों के लिए उपयोग की गई सुईया एक ही सुई के कई लोगों के लिए उपयोग में लाई जाने से हो सकता है | हैपेटाइटिस बहुत ज्यादा शराब पीने से भी हो सकता है
हेपेटाइटिस सी
यह रोग हेपिटाइटिस सी वायरस के कारण से होता है |यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त लार वीर्य योनि से निकलने वाले तरल पदार्थ में पाया जाता है | यह वायरस मुख्य रूप से रक्त में पाया जाता है इसीलिए ज्यादाकर रक्त से रक्त संपर्क के माध्यम से फैलता है |
कभी-कभी हैपेटाइटिस बी का लक्षण साफ-साफ नहीं दिखाई देता है यही इसका लक्षण फ्लू को समझ लिया जाता है बहुत से लोग अनजान पर जाते हैं उन्हें पता ही नहीं होता कि वह हैपेटाइटिस सी के वायरस से संक्रमित हैं|
इस बीमारी को क्रॉनिक हेपिटाइटिस सी के रूप में भी जाना जाता है बहुत सारे लोग संक्रमण से लड़कर वायरस से मुक्त हो जाते हैं बचा हुआ वायरस कई वर्षों तक शरीर में बना रहता है अभी के समय में हेपेटाइटिस सी के लिए कोई दवाइयां उपलब्ध नहीं है |
एल्कोहलिक हेपिटाइटिस
यह बीमारी ज्यादा वर्षों से अल्कोहल का सेवन करने से लीवर में नुकसान पहुंचता है जोकि एल्कोहलिक हैपेटाइटिस बीमारी हो जाता है | आमतौर पर इसका कोई ज्यादा लक्षण दिखाई नहीं देता इसकी पता रक्त जांच द्वारा की जाती है |
लक्षण
इश्क खास लक्षण पीलिया जैसे ही होते हैं इसके अलावा शरीर में खुजली .पीले रंग का पेशाब ,पीला या सलेटी रंग का मल , हल्का बुखार, भूख न लगना .उल्टी आना, त्वचा या आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ जाना
निदान
- अपने आसपास सफाई पर ध्यान दें
- गर्भवती स्त्रियों को इस मामले में विशेष सजगता बरतनी चाहिए
- बच्चों का टीकाकरण कराएं वयस्कों के लिए भी इसके टीके उपलब्ध है
- अधिक भी तेल और मिर्च मसाले वाले भोजन खाने से बचें
- सिगरेट और अल्कोहल से दूर रहें
- लक्षण देखकर अनुमान के आधार पर अपने आप दवा लेने की आदत छोड़ दें
- हेपेटाइटिस के लक्षण दिखने वाले व्यक्ति को केक चॉकलेट अल्कोहल डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए
- इस बीमारी में पत्तेदार सब्जियां विटामिन ई युक्त फल शाकाहारी आहार ,ब्राउन राइस, पपीता ,नारियल पानी सूखे खजूर, किसमिस ,बादाम इलायची का भरपूर सेवन करना चाहिए |
- संचरण के खतरे को कम करने के लिए लेटेस्ट कंडोम का उपयोग करें
- संक्रमित व्यक्ति के टूथब्रश रेजर और नाखून कतरने जैसे निजी वस्तुओं का उपयोग ना करें
प्रबंधन
ब्लड टेस्ट से इसकी पहचान की जा सकती है इसके अलावा लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के माध्यम से भी हैपेटाइटिस के सभी प्रकारों की जांच की जाती है |
टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डॉक्टर की सलाह पर तुरंत इलाज शुरू कर दें
प्रेगनेंसी के दौरान इसकी जांच अवश्य करवानी चाहिए कोई भी लक्षण नजर आए तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए |
बिस्तर पर आराम करना और अल्कोहल से दूर रहना
इसके लक्षणों को दवाइयों के उपयोग से दूर करने में सहायता मिलती है हैपेटाइटिस और इ से पीड़ित रोगी कुछ ही हफ्तों के बाद स्वयं स्वस्थ हो जाते हैं |
हैपेटाइटिस बी, एस, सी, आई, डी में लीवर प्रत्यारोपण से कोई लाभ नहीं होता उसके बदलने से लीवर विफल हो जाता है
रोकथाम
- सौच , अशुद्ध भोजन व पानी से दूर रहे |
- प्रभावित व्यक्ति के रक्त यह शरीर के द्रव के संपर्क में आने से बचे |
- कपड़े बदलने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह से साफ करे
- भोजन परोसने से पहले और शौचालय के बाद हाथ साफ करने से इसके फैलने को रोका जा सकता है
- रोका ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले लोगों को यूमीनग्लोब न देना चाहिए |
हैपेटाइटिस C के लिए घरेलु और आयुर्वेदिक उपाय
तुलसी के पत्ते को पेस्ट बनाकर इसे गन्ने का रस मिलाकर रोगी को पिलाने से फायदा हुआ 1 महीने इसका असर दिखेगा
अपने डाइट में हरी सब्जी नींबू बदाम छुहारे टमाटर के अलावा कई तरह के फलों को शामिल करें
अगर संभव हो हफ्ते में एक दिन केवल फल खाए और पानी पिये I
हरा घनियाँ पत्ता को छोटे-छोटे टुकरे में काट ले और उसमे 8 से 10 पते डालकर 3 लीटर पानी मे तब तक उबाले जब एक लीटर रह जाए तो इसे ठंडा करके 2 से 3 बार रोगी को पिलाए
यह केवल संख्यात्मक जानकारी है अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें
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