कैंसर का कारण ,बचाव, इलाज और संकेत
कैंसर हम सुनते ही जेहन में खौफ समा जाता है क्योंकि कैंसर मौत के कारणों के लिए सबसे पहले जिम्मेदार माना जाता है|
आज कैंसर की बीमारी जितना विकराल रूप ले चुकी है उसकी भैयावता उतनी ही तेजी बढ़ती जा रही है| कैंसर वैसे तो विश्वव्यापी ह लेकिन हमारे देश भारत में यह मौत के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है| जो आज भी घोर चिंता का विषय बना हुआ है|
मौजूदा वक्त में दिल के दौरे के बाद सबसे ज्यादा मौतें किसी बीमारी से हो रही है वह है कैंसर
हालांकि कैंसर कोई लाइलाज बीमारी नहीं है अगर वक्त रहते इस बीमारी को पहचान लिया जाए तो मरीज को इसे बचाने के चांसेस बढ़ जाती है|
हालांकि विश्व भर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है लेकिन भारत में इसके आक्रामकता को देखते हुए भारत में कैंसर को लेकर एक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है| जिसके तहत हर साल 7 नवंबर को देश भर में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है|
आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे
- क्या है कैंसर
- Navya app क्या है
- इसके होने के संकेतो के बारे में |
- भारत में इसकी भयानक स्थिति की
- इसके इलाज कैसे होता है |
- इसके कितने प्रकार होते है |
- इससे बचाव कैसे किया जाये |
क्या है कैंसर
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस
कैंसर एक ऐसा शब्द है जिससे सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में अजीब सी सिरहन पैदा हो जाती है| अभी भी देश में कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है| इससे जुड़े तमाम पहलुओं को लेकर लोगों में गलत धारणाएं भी हैं|
हर साल 7 नवंबर को देश भर में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है| यह पहली बार 7 नवंबर 2014 को मनाया गया था|
19 सितंबर 2014 को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था|
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इस दिवस को मनाने का मकसद कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता को बढ़ाना है|
जिससे कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके क्योंकि कैंसरसे भारत में मरने वाले लोगों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है |इस दिवस के जरिए लोगों को एक स्वस्थ जीवन शैली जीने के लिए जागरूक किया जाता है| इससे बचने के उपाय उनके बारे में भी बताया जाता है |इसमें बताया जाता है कि लोग कैसे कैंसर रोग के लक्षणों को पहचाने और उसके लिए क्या सावधानियां बरतें क्योंकि भारत में यह बीमारी जितनी तेजी से फैल रही है |उतनी तेजी से उपचार की व्यवस्था नहीं है|
इसीलिए.इसका बेहतर उपाय या है कि लोगों के प्रति जागरूकता लाई जाए ताकि कैंसर के प्राथमिक स्तर पर हैं उसकी पहचान हो सके और इसका सही वक्त पर इलाज मुमकिन हो अगर कैंसर का जल्दी पता लगा लिया जाता है तो उसके उपचार पर होने वाला खर्च बहुत कम होता है|
क्या है नव्या ऐप ( Navya App )
प्रधानमंत्री जन आरोग्य में शामिल गरीब कैंसर मरीज अब घर बैठे विश्वस्तरीय डॉक्टरों से सलाह ले सकेंगे| जन आरोग्य को संचालन करने वाली संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण कैंसर के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल की ओर से विकसित नव्या ऐप की सेवाएं देने की तैयारी में है| इससे एक बार डॉक्टर को दिखा लेने के बाद मरीज को बार-बार हॉस्पिटल नहीं जाना पड़ेगा|
उसमें मरीज का डाटा डालकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श किया जा सकेगा मरीज मोबाइल ऐप में डाले गये डाटा के आधार पर सही परामर्श दे देगा |
मरीजों के अलावा डॉक्टर भी मरीज के इलाज के लिए नव्या की सहायता ले सकेंगे टाटा मेमोरियल अस्पताल और नेशनल कैंसर ग्रिड ने मिलकर नव्या नेटवर्क बनाया है अब तक 68 देशों में 35000 कैंसर मरीज इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं कैंसर के मामलों को बढ़ते को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण आधुनिक तकनीक की सहायता लेना चाहता है|
भारत में कैसर के मामला
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार भारत में कैंसर से पीड़ित लोगों की संख्या 25 लाख से ज्यादा है और सात लाख से ज्यादा कैंसर के नए मामले हर साल आते हैं देश में हर साल लगभग 550000 मरीजों की मौत कैंसर की वजह से होती है और यह मामला साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है|
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद( ICMR ) के मुताबिक भारत में मुख और फेफड़ों के कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर से होने वाले मौत सभी कैंसर संबंधी मौतों का करीब 50 फ़ीसदीहै और यह साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है|
हाल ही में आई नेशनल हेल्थ प्रोफाइल के मुताबिक2018 से 2020 के बीच 324 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है इन मामलों में कॉमन कैंसर ओरल कैंसर सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर जैसे मामले शामिल है
हेल्थ प्रोफाइल के मुताबिक सबसे ज्यादा कैंसर के मामले गुजरात में मिले इसके बाद कर्नाटक महाराष्ट्र तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में पाए गए
नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019
भारत में कैंसर
- 2018 में गुजरात में कैंसर के 72169 मामले
- कर्नाटक में 20000 84 कैंसर के मरीज
- महाराष्ट्र में 14103 कैंसर के मरीज
- तेलंगाना में तेरा हजार 130 कैंसर के मरीज
- बंगाल में 11897 कैंसर के मरीज
यहां तक कि आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्यों में मैं भी साल 2018 मैं कैंसर के केसेज में बढ़ोतरी देखी गई है
अगर साल 2017 की बात करे
- गुजरात में 3939 कैंसर के मरीज
- कर्नाटक में 3523 कैंसर के मरीज थे
और कैंसर की कुल मरीज और उससे होने वाली मौतें उसकी बात करें तो साल 2018 में 15 लाख 86 हजार 571 केस सामने आए जिनमें 801374 मरीजों की मौत हो गई|
अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 9.6 मिलीयन लोगों की मौत हुई इसमें भारत की हिस्सेदारी 8.17 फ़ीसदी थी|
कैंसर को लेकर भारत में जो चिंताजनक बात है वह यह है कि भारत में होने वाले कैंसर की औसत उम्र में गिरावट आ रही है|
भारत में अधिकांश स्तन कैंसर 30 से 50 की उम्र में हो रहा है जबकि विकसित देशों में 50 से 60 साल की उम्र में स्तन कैंसर होने का खतरा सबसे अधिक रहता है वहीं भारत 50 से 70 फ़ीसदी कैंसर की जांच काफी देर से होती है जब लोग बहुत बढ़ चुका होता है|
कैंसर कितने प्रकार के होते है
कैंसर 100 से अधिक प्रकार के होते हैं जो शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन भारत में पुरुषों और महिलाओं में होने वाले मुख्यता 5 कैंसर है
1 मुंह का कैंसर
सिगरेट हो या खैनी की पूरिया बाकायदा हर जगह यह चेतावनी तस्वीरों के साथ दी जाती है की इनके सेवन से मुंह का कैंसर होता है मुंह के कैंसर में होंठ दांत तलवा जीभ आदि भाग प्रभावित होते हैं पुरुषों में सर्वाधिक होने वाला कैंसर मुंह का कैंसर ही है
2 स्तन कैंसर
स्तन कैंसर एक बड़ी समस्या बनकर सामने है |स्तन कैंसर स्तन की कोशिकाओं में शुरू होने वाला एक ट्यूमर है जो शरीर के अन्य उत्तक को और बाकी हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है |इसकी स्थिति इतनी गंभीर है कि प्रत्येक 100000 महिलाओं में से करीब 30 महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हो रही है और 28 में से एक महिला को अपने जीवन काल में कैंसर होने की संभावना रहती है|
ग्रामीण क्षेत्रों में 60 में से एक महिला को कैंसर की संभावना जबकि क्षेत्रों में 22 में से एक महिला को कैंसर की संभावना बनी रहती है|
3 बच्चेदानी का मुख का कैंसर
भारत में तीसरा सबसे बड़ा कैंसर का कारण है जो भारत में सभी कैंसर का 10% है महिलाओं में सर्वाधिक होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर बच्चेदानी का मुख का कैंसर है|
4 फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों का कैंसर एक प्रकार का कैंसर ही है जो फेफड़ों में ही होता है
यह लिम्फ नोड्स यह शरीर के अन्य अंगों में फैलने की संभावना होती है
40 वर्ष की उम्र तक स्मॉल सेल कैंसर अधिक पाया जाता है |और इसका संबंध धूम्रपान से कम देखा गया है
40 साल के उम्र के बाद धूम्रपान करने वाले व्यक्ति में स्कोमस सेल कैंसर और धूम्रपान न करने वाले में एडिनोकार्सिनोमा ज्यादा होता है
5 कोलोरेक्टल कैंसर
कोलोरेक्टल कैंसर कोलन और मलाशय का कैंसर है जो कोलन और मलाशय के स्तर में पॉलिप्स कि विकास के साथ शुरू होता है इसे कोलन कैंसर या रेक्टर कैंसर भी कहा जा सकता है
यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कहां से शुरू होते हैं कोलन कैंसर और रेक्टल कैंसर को अक्सर एक साथ देखा जा सकता है क्योंकि इसमें कई विशेषताएं एक जैसी होती है भारत मैं कोलोरेक्टल की घटना पश्चिमी देशों की तुलना में कम है और भारत में सातवां ज्यादा होने वाला कैंसर है
मलास्य कैंसर होने की औसत उम्र 40 से 45 वर्ष
उसके अलावा अमाशय का कैंसर भारत में छठे स्थान पर है
सावधानियां
- स्वस्थ जीवन शैली को अपनाए
- अपना वजन सामान्य श्रेणी में रखें
- नियमित स्वास्थ्य जांच और समय पर कैंसर जांच के लिए भी जाएं
- भरपूर मात्रा में फलों एवं सब्जियों का सेवन करें
- चेतावनी के संकेत एवं लक्षणों के बारे में जाने
- सुरक्षित यौन व्यवहार को अपनाएं
- पर्यावरणीय कार्सिनोजेन तत्व के जोखिम से बचें
- धूम्रपान और शराब का सेवन ना करें
- मसालेदार तली हुई संरक्षित और जंक फूड से परहेज करें
तो आइए जानते हैं संकेतों के बारे में जो कैंसर होने के बारे में बताते हैं
संकेत
- आतं या मुत्राशय की आदतों में परिवर्तन
- घाव जो जल्द ना भरे
- शरीर के किसी हिस्से से असामान्य रक्त स्राव
- वजन में अचानक तेजी से कमी आना या भूख न लगना
- कैंसर एक जानलेवा बीमारी बन सकती है अगर इससे समय पर ना निपटा जाए
- जरूरत है सजक और समझदार बनने की ताकि कैंसर के खिलाफ हम यह लड़ाई जीत सके
कैंसर का इलाज चार प्रकार से संभव है
1 सर्जरी के द्वारा
इसके द्वारा मरीज के उस अंगों को ऑपरेशन के द्वारा उस गांठ को निकाल दिया जाता है लेकिन यह तभी संभव है जब कैंसर एक ही जगह पर हो तो उसको निकाल कर बाहर कर दिया जाता है|
2 रेडियो थेरेपी
इसमें मरीजों को रेडिएशन/ हाई एनर्जी एक्सरे प्रोटोन थेरेपी के द्वारा मरीज के उस अंग को जलाया जाता है जहाँ कैंसर हुआ हो
3 कीमो थेरेपी
इसमें मरीजों को दवाइयों के द्वारा इलाज किया जाता है
अगर इस तीनों तरीके के मिलाकर इलाज किया जाए तो इसे कंबाइंड मोडालिटी कहा जाता है
4 यूमिनो थेरेपी
इसमें मरीजों को एक इंजेक्शन के द्वारा बॉडी के यूमीनो सेल्स T लिंफोसाइट्स तेज हो जाते हैं और वह कैंसर को धीरे-धीरे खत्म कर देते हैं |
कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी भी एक चिंता का विषय है जैसे स्तन कैंसर को ही ले लिया जाए कई महिलाओं को इस बारे में जानकारी ही नहीं होती कि उन्हे क्या हुआ है कई बीमारियों में तो लोग चेतावनी को ही नजरअंदाज कर देते हैंइसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है|
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