हीमोफीलिया क्या है इसके कारण लक्षण और उपचार

उपचार से पहले समझ लेते हैं की हिमोफीलिया क्या हैं (what is Hemophilia)


हिमोफीलिया एक (जेनेटिक डिसऑर्डर) अनुवांशिक बीमारी है यानी यह मां बाप से बच्चे मे आता है।

 

इस डिसऑर्डर के कारण खून जमता नहीं है यानी जब आपको चोट लगती है तो कुछ समय बाद वह जम जाता है लेकिन जिसे हीमोफीलिया होता है उनमें चोट लगने के बाद खून जमता नहीं है बहता ही रहता है अब ये कितना खतरनाक है आप समझ सकते हैं|

 सबसे पहले हम समझते हैं कि क्या है और होता क्यों है क्या होता है हिमोफीलिया 

 हिमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है जो जन्म से शुरू हो जाती है यह जेनेटिक बीमारी है अनुवांशिक बीमारी है इस बीमारी में मां कैरियर होती है और मेल ( male  ) बच्चे को बीमारी पास कर देती है मतलब यह बीमारी मां से आती है|
 हिमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है जो लगभग 10000 लोगों में से एक को होती है भारत में लगभग 1,30000 पेशेंट हिमोफीलिया के शिकार हैं |
हिमोफीलिया तीन प्रकार के होते हैं सीवियर मोडरेट माइल्ड हो सकते हैं 


सीवियर विमारी मे पेशेंट को कभी भी ब्लीडिग हो सकती हैं जख्म हो या ना हो दोनों ही सिचुएशन में ज्यादा खून बहता है जिसे जान जाने को खतरा रहता है यह बीमारी जब बच्चा 5 या 6 महीना का होता है तब से पता चलने लगता है कि उसे हीमोफीलिया हुआ है 

  लक्षण 

हीमोफीलिया का प्रमुख लक्षण है ब्लीडिंग होना यह बिल्डिंग जोड़ों में मसल्स और ब्रेन में हो सकती है अगर ब्रेन में ब्लीडिंग हुआ तो बच्चे की जान को काफी खतरा रहता है |           

 कारण

 ऐसी बीमारी है हमारे शरीर में दो क्रोमोजोम डीएनए होते हैं एक्स X और वाई Y ये  बीमारी एक्स     (X)क्रोमोजोम में डिफेक्ट होने के कारण होती है |
आदमी में एक्स (X)और वाई (Y ) क्रोमोजोम होते हैं और औरत में 2 एक्स (X) क्रोमोजोम होते हैं इसीलिए औरतों में इस बीमारी के ज्यादा लक्षण नहीं दिखते| लेकिन जो मेल बच्चे हैं उनमें केवल एक ही ग्रुप में जो होता है इसलिए उसे कोई प्रोटेक्शन नहीं मिलता अगर मेल बच्चे में मौजूद एकमात्र एक्सX क्रोमोजोम खराब हो जाता है तो बच्चे को हीमोफीलिया हो जाता है

 खतरा

 हीमोफीलिया वाले पेशेंट में बार-बार ब्लीडिंग होने के कारण वह चल नहीं सकते हैं उनके हाथों और पैरों की जोड़ खराब हो जाते हैं|अगर इस पेशेंट को किसी कारण से ऑपरेशन किया जाए तो ऑपरेशन की समय ब्लीडिंग रुकती नहीं है और ब्लीडिंग ना रुकने से पेशेंट की जान जा सकती है|



अभी हीमोफीलिया का इलाज भारत में उपलब्ध है इससे फैक्टर  कहा जाता है एंटी होमोफीलिक फैक्टर कई बार एक फैक्टर इतने महंगे होते हैं कि लोग इसे खरीद नहीं पाते लेकिन हीमोफीलिया फेडरेशन इंडिया र्ल्ड फेडरेशन ऑफ हिमोफीलिया और भारत सरकार की मदद मिल रही है|

 इस इलाज को प्रोफिलैक्टिक्स कहते हैं इससे हफ्ते में एक या दो बार दिया जाता है| इससे बच्चों का बिल्डिंग रुक जाता है 
इसके लिए जरूरी है कि अगर घर में एक हीमोफीलिया का बच्चा पैदा हुआ है तो अगले बच्चे का जन्म रोका जा सकता है जब मां प्रेग्नेंट होती है तो 12 हफ्ते से 16 हफ्ते तक पेट में मौजूद बच्चे का हीमोफीलिया का टेस्ट किया जा सकता है उम्मीद है जिन लोगों को हिमोफीलिया है या अगर आपके चाहने वालों में से किसी को ए परेशानी है|यह  जानकारी आपकेऔर उनके काम जरूर आएंगे|

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